पोषक तत्व

सागर में पोषण चक्र

एक पोषक तत्व या पोषकतत्व वह रसायन हैं जो जीवों को पोषण प्रदान करते हैं और उनके शरीर को समृद्ध करते हैं। यह ऊतकों का निर्माण और उनकी मरम्मत करते हैं, यह शरीर को उष्मा और ऊर्जा प्रदान करते हैं और यही ऊर्जा शरीर की सभी क्रियाओं को चलाने के लिए आवश्यक होती है। पोषक तत्वों के सेवन के विभिन्न तरीके हैं। जहां प्राणी यह तत्व अपने भोजन से प्राप्त करते हैं, वहीं पादप इनको अपनी जड़ों के माध्यम से सीधे मिट्टी से या अपने वातावरण से प्राप्त करते हैं। कुछ पौधे, जिन्हें मांसभक्षी पादप कहा जाता है पहले कीट, पतंगो आदि को बाहर अपने पाचक रस से पचा कर फिर उनसे प्राप्त पोषक तत्वों को चूस लेते हैं। पोषक तत्वों के प्रभाव उनकी ली गयी खुराक पर निर्भर करते हैं।

जैविक पोषक तत्वों में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन (अमिनो अम्ल) और विटामिन शामिल हैं। अकार्बनिक रासायनिक यौगिकों, जैसे खनिज लवण, पानी और ऑक्सीजन को भी पोषक तत्व माना जा सकता हैं।[तथ्य वांछित] किसी जीव को एक पोषक तत्व किसी बाहरी स्रोत से लेने की आवश्यकता तब पड़ती है जब उसका शरीर इनकी पर्याप्त मात्रा का संश्लेषण स्वयं उसके शरीर में नहीं कर पाता। जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता अधिक मात्रा में पड़ती है उन्हें स्थूल पोषक तत्व कहते हैं; इसी तरह सूक्ष्म पोषक तत्व कम मात्रा में जरूरी होते हैं।

पोषक तत्वों का वर्गीकरण[संपादित करें]

पोषकों को कई तरह से वर्गीकृत किया जाता है-

  • सूक्ष्म पोषक तत्व- माइक्रो पोषक तत्व Archived 2020-12-02 at the वेबैक मशीन वे पोषक तत्व होते है जो हमें एनर्जी नही देते है, और जिन्हें हमें कम मात्रा (10 ग्राम से कम) में लेने की जरुरत होती है। हमें इनको  मिलीग्राम और माइक्रोग्राम में लेने जरुरत होती है। ये हमें एनर्जी नही देते है लेकिन ये हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी होते है क्योकि इनके बिना मैक्रो पोषक तत्व (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट) सही से काम नहीं कर पाते है। यह भी हमें आहार से मिलते है ।

बच्चों के शारीरिक विकास में पोषण का महत्व[संपादित करें]

बच्चों के शारीरिक विकास में पोषण का अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सही पोषण न केवल बच्चों के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि उनके मानसिक और संज्ञानात्मक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहाँ पर कुछ प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया गया है जो पोषण के महत्व को उजागर करते हैं[1]:

  • शारीरिक वृद्धि और विकास: बच्चों की हड्डियों, मांसपेशियों और अंगों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D, और अन्य विटामिन एवं खनिज आवश्यक हैं। सही पोषण के बिना, बच्चों की शारीरिक वृद्धि में रुकावट हो सकती है और वे स्वस्थ शरीर का विकास नहीं कर पाते।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली: अच्छी पोषण से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे वे बीमारियों और संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं। विटामिन C, विटामिन A, और जिंक जैसे पोषक तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाते हैं।
  • मानसिक और संज्ञानात्मक विकास: सही पोषण मस्तिष्क के विकास के लिए भी आवश्यक है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयोडीन, और आयरन जैसे पोषक तत्व मानसिक और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देते हैं, जिससे बच्चों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है।
  • ऊर्जा और क्रियाकलाप: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और वसा जैसे पोषक तत्व बच्चों को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे वे अपनी दैनिक क्रियाओं और खेल-कूद में सक्रिय रह सकते हैं। ऊर्जा की कमी से बच्चे थकान और कमजोरी महसूस कर सकते हैं।
  • स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम: सही पोषण बच्चों को दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करता है जैसे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग आदि। स्वस्थ भोजन की आदतें बचपन से ही विकसित होने पर बच्चों को बड़े होकर भी स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।
  • मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास: सही पोषण बच्चों के मूड और व्यवहार को भी प्रभावित करता है। संतुलित आहार से बच्चों में चिड़चिड़ापन, अवसाद, और चिंता कम होती है, जिससे वे सामाजिक रूप से अधिक सक्रिय और खुशहाल रहते हैं।

बच्चों के लिए संतुलित आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए जैसे फल, सब्जियां, अनाज, डेयरी उत्पाद, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ। साथ ही, उन्हें जंक फूड और अत्यधिक शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रखना भी आवश्यक है। बच्चों की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करना उनके समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे उनका भविष्य भी स्वस्थ और सफल बनता है[2]

पौष्टिक आहार के लिए आवश्यक पोषक तत्व:[संपादित करें]

कार्बोहाइड्रेट: ऊर्जा का मुख्य स्रोत, मस्तिष्क के कार्य के लिए महत्वपूर्ण। प्रोटीन: मांसपेशियों, हड्डियों और ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक। वसा: ऊर्जा का स्रोत, विटामिन A, D, E और K को अवशोषित करने में मदद करता है।

विटामिन और खनिज: शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक, जैसे कि रोग प्रतिरोधक क्षमता, मस्तिष्क कार्य, और हड्डियों का स्वास्थ्य। बच्चों के लिए पौष्टिक आहार के कुछ उदाहरण:

फल और सब्जियां: विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर। साबुत अनाज: कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और B विटामिन का अच्छा स्रोत। दूध और डेयरी उत्पाद: कैल्शियम और विटामिन D का अच्छा स्रोत, हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण।

दाल और फलियां: प्रोटीन, फाइबर और आयरन का अच्छा स्रोत। अंडे: प्रोटीन, विटामिन A, D और E का अच्छा स्रोत।

मछली और मीट: प्रोटीन, आयरन और ओमेगा -3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत। कुछ महत्वपूर्ण बातें:

बच्चों को उनकी उम्र और गतिविधि स्तर के अनुसार संतुलित और विविध आहार खिलाना चाहिए। उन्हें भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां और साबुत अनाज खिलाएं। उन्हें प्रतिदिन दूध और डेयरी उत्पाद अवश्य दें। उन्हें प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों से दूर रखें। उन्हें नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि आपको अपने बच्चे के पोषण को लेकर कोई चिंता है, तो डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "छोटे बच्चों के लिए पोषण: सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ". 23 अक्टूबर 2023.
  2. "बच्चों के शारीरिक विकास में पोषण का महत्व". 3 नवम्बर 2023.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]