बागमती नदी
बागमती नदी Bagmati River बागमती खुसी | |
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पशुपतिनाथ मन्दिर के साथ बहती बागमती नदी | |
स्थान | |
देश | नेपाल भारत |
राज्य | बागमती प्रान्त, प्रदेश संख्या २, बिहार |
ज़िले | सीतामढ़ी, मुज़फ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी |
नगर | काठमाण्डु, पाटन, Sonpur |
भौतिक लक्षण | |
नदीशीर्ष | हिमालय की महाभारत श्रेणी में बाघद्वार जलप्रपात, बाघद्वार |
• स्थान | शिवपुरी नागार्जुन राष्ट्रीय उद्यान, सुंदरीजल, काठमाण्डु, नेपाल |
• निर्देशांक | 27°46′16″N 85°25′38″E / 27.77111°N 85.42722°E |
• ऊँचाई | 2,740 मी॰ (8,990 फीट) |
नदीमुख | कोसी नदी से विलय |
• स्थान | बोर्नेस्थान, बिहार, भारत |
• निर्देशांक | 25°32′31″N 86°42′57″E / 25.54194°N 86.71583°Eनिर्देशांक: 25°32′31″N 86°42′57″E / 25.54194°N 86.71583°E |
लम्बाई | 586.3 किलोमीटर (364.3 मील) |
प्रवाह | |
• स्थान | पांधेरा दोवान, मकवानपुर |
• अधिकतम | 16,000 m3/s (570,000 घन फुट/सेकंड) |
जलसम्भर लक्षण | |
उपनदियाँ | |
• बाएँ | मनोहरा, मरिन खोला, लखनदेई नदी, अधवारा, कमला नदी |
• दाएँ | लालबकैया, विष्णुमति नदी |
बागमती नदी (Bagmati River) नेपाल और भारत में बहने वाली एक नदी है। यह नेपाल में काठमाण्डु घाटी से निकलती है जहाँ राष्ट्रीय राजधानी, काठमाण्डु, और पाटन नगर इसके विपरीत तटों पर बसे हैं। फिर यह मधेश प्रदेश से गुज़रकर भारत के बिहार राज्य में प्रवेश करती है, जहाँ इसका विलय कोसी नदी से होता है। बागमती नदी हिन्दूओं और बौद्धधर्मियों के लिए एक पवित्र नदी है और इसके किनारे कई हिन्दू मन्दिर अवस्थित हैं। नेपाल का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल पशुपतिनाथ मंदिर भी इसी नदी के तट पर अवस्थित है। इसकी पवित्रता के कारण स्थानीय हिन्दू इसके किनारे अन्तिम संस्कार करते हैं और किरात समुदाय की समाधियाँ भी इसके किनारे की पहाड़ियों में होती हैं। यह नदी बिहार स्तित ढेंग गांव से होकर गुजरती हैं [1][2]
नेपाल में सांस्कृतिक महत्व
[संपादित करें]नेपाली सभ्यता में इस नदी का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस नदी के किनारे में अवस्थित आर्य घाटौं पर राजा से लेकर रंक तक सभी का अन्तिम संस्कार किया जाता है। MP 12th Blueprint 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन Bihar Board 12th Model Paper 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन MP Board 10th Blueprint 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन
उद्गम और अपवाह
[संपादित करें]बागमती नदी नेपाल में हिमालय की महाभारत श्रेणियों में स्थित बागद्वार से निकलती है। काठमाण्डु के टेकु दोभान मैं विष्णुमति नदी इसमें समाहित होती है। यह नदी बलौर से भी गुजरती है। यह नदी नेपाल में लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा तय कर के बिहार के सीतामढ़ी जिले में समस्तीपुर-नरकटियागंज रेल लाइन पर स्थित ढेंग रेलवे स्टेशन के 2.5 किलोमीटर उत्तर में भारत में प्रवेश करती है। बिहार में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर है। नेपाल में इस नदी का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 7884 वर्ग किलोमीटर है। ढेंग और बैरगनियाँ स्टेशन को जोड़ने वाली रेल लाइन पर बने पुल संख्या 89, 90, 91, 91A और 91B से होकर यह नदी दक्षिण दिशा में चलती है जहाँ लगभग 2.5 किलोमीटर नीचे भारत का जोरियाही नाम का पहला गाँव पड़ता है। यहाँ से 5 किलोमीटर दक्षिण चल कर बागमती शिवहर जिले के बखार चंडिहा और अदौरी गाँव की सीमा में आती है।ढेंग से बखार की दूरी साढे़ 11 कि॰मी॰ है और यहीं से थोड़ा और नीचे चल कर खोरीपाकड़【[पूर्वी चंपारण]] देवापुर गाँव के पास उसके दाहिने किनारे पर लालबकेया नदी में मिलती है। इस लम्बाई में नदी की प्रवृत्ति पश्चिम से होकर बहने की है मगर लालबकेया से उसका संगम स्थल प्रायः स्थिर रहता है। नदी की इस लम्बाई में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुए हैं यद्यपि उसकी एक पुरानी धारा का जिक्र और रेखांकन जरूर मिलता है। बिहार के तराई क्षेत्रों में प्रवेश करने के बाद यह नदी बाढ़ के दिनों में अक्सर अपना प्रवाह मार्ग बदल लेती है। इस नदी में बाढ़ के कारण बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ़्फ़रपुर, दरभंगा और मधुबनी ज़िलों में काफ़ी क्षति पहुँचाती है। इसकी सहायक नदियों में लाल बकेया नदी, लखनदेई नदी, चकनाहा नदी, जमुने नदी, सिपरीधार नदी, छोटी बागमती, कोला नदी आदि हैं। कोसी परियोजना के अन्तर्गत बागमती नदी को भी नियन्त्रित कर इस पर पुल और नये बाँध बनाए गए हैं। यह कमला नदी से मिलकर कोसी नदी में मिल जाती है। तराई के मैदानों को पार करती हुई बागमती नदी बिहार में प्रवेश करती है और 360 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद दक्षिण-पूर्व की ओर बहती हुई बूढ़ी गंडक नदी में मिल जाती है।[3]
जल ग्रहण क्षेत्र
[संपादित करें]बिहार में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर तथा जल ग्रहण क्षेत्र लगभग 6,500 वर्ग किलोमीटर होता है। इस तरह नदी उद्गम से गंगा तक कुल लम्बाई लगभग 589 किलोमीटर और कुल जल ग्रहण क्षेत्र 14,384 वर्ग किलोमीटर बैठता है। बिहार के द्वितीय सिंचाई आयोग की रिपोर्ट (1994) के अनुसार बागमती के ऊपरी क्षेत्र काठमाण्डू के आस-पास सालाना औसत बारिश लगभग 1460 मिलीमीटर होती है जबकि चम्पारण में 1392 मि.मी., सीतामढ़ी में 1184 मि.मी., मुजफ्फरपुर में 1184 मि.मी., दरभंगा में 1250 मि.मी. और समस्तीपुर में 1169 मि.मी. होती है।[4]
सहायक नदियाँ
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect Archived 2017-01-18 at the वेबैक मशीन," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
- ↑ भारत ज्ञान कोश, खंड-4, प्रकाशक-पोप्युलर प्रकाशन मुंबई
- ↑ "इंडिया वाटर पोर्टल हिन्दी: बिहार में बागमती नदी". मूल से 10 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अक्तूबर 2013.
बागमती से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |