नजीब महफ़ूज़
नजीब महफूज़ نجيب محفوظ Naguib Mahfouz | |
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जन्म | 11 दिसम्बर 1911 काहिरा, मिस्र |
मौत | अगस्त 30, 2006 काहिरा, मिस्र | (उम्र 94 वर्ष)
पेशा | उपन्यासकार |
राष्ट्रीयता | मिस्री |
उल्लेखनीय कामs | काहिरा त्रयी (काइरो ट्रिलोजी) |
खिताब | साहित्य का नोबेल पुरस्कार (1988) |
नजीब महफूज़ (अरबी: نجيب محفوظ, अंग्रेज़ी: Naguib Mahfouz) एक मिस्री लेखक व साहित्यकार थे जिन्होंने सन् १९८८ में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीता। तौफ़ीक़ अल-हकीम के साथ, उन्हें २०वी शताब्दी के दूसरे भाग में उभरने वाले समकालीन अस्तित्ववादी अरबी लेखकों के सर्वप्रथम गुट में माना जाता है। अपने ७० साल के लेखन में उन्होंने ३४ उपन्यास, ३५० लघुकथाएँ, दर्ज़नों फ़िल्मों की पटकथाएँ और पाँच नाटक लिखे। उनकी कई कृतियों को मिस्री व विदेशी फ़िल्मों में ढाला जा चुका है।[1]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Haim Gordon. "Naguib Mahfouz's Egypt: Existential Themes in His Writings". मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-04-26.